नयी दिल्ली। भारत की तलवारबाज खिलाड़ी सीए भवानी देवी ने एशियाई तलवारबाजी चैम्पियनशिप मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। भारतीय खिलाड़ी भवानी देवी ने इस चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। इससे पहले उन्होंने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन को मात देकर पदक पक्का किया था।
चीन के वुक्सी में हो रही चैंपियनशिप में तलवारबाज सीए भवानी देवी ने सोमवार को महिला सेबर प्रतियोगिता के सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना किया। इसके बाद भी उन्होंने कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास रच दिया। तलवारबाजी में पदक लाने वाली सीए भवानी देवी भारत की पहली खिलाड़ी है। ऐसे में ये पदक भारत के लिए बेहद खास है।
बता दें कि सेमीफाइनल मुकाबले में भवानी को उज्बेकिस्तान की जेनाब डेयिबेकोवा के खिलाफ कड़े मुकाबले में 14-15 से हार का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला पदक सुनिश्चित किया। भवानी ने क्वार्टर फाइनल में गत विश्व चैंपियन जापान की मिसाकी एमुरा को 15-10 से हराकर उलटफेर किया था। मिसाकी के खिलाफ यह भवानी की पहली जीत थी। इससे पहले उन्होंने जापान की खिलाड़ी के खिलाफ अपने सभी मुकाबले गंवाए थे।
भवानी को राउंड ऑफ 64 में बाई मिली थी जिसके बाद अगले दौर में उन्होंने कजाखस्तान की डोस्पे करीना को हराया। भारतीय खिलाड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में भी उलटफेर करते हुए तीसरी वरीय ओजाकी सेरी को 15-11 से हराया। भारतीय तलवारबाजी संघ के महासचिव राजीव मेहता ने भवानी को उनकी एतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है।
मेहता ने कहा, ‘‘यह भारतीय तलवारबाजी के लिए बेहद गौरवपूर्ण दिन है। भवानी ने वह किया है जिसे इससे पहले कोई और हासिल नहीं कर पाया। वह प्रतिष्ठित एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं। पूरे तलवारबाजी जगत की ओर से मैं उन्हें बधाई देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भले ही वह सेमीफाइनल में हार गई लेकिन मुकाबला काफी करीबी था। सिर्फ एक अंक का अंतर था। इसलिए यह बड़ा सुधार है।’’ ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बनीं भवानी तोक्यो खेलों में राउंड ऑफ 32 से बाहर हो गईं थी।
टोक्यो ओलंपिक में रह गया था मेडल का सपना
भवानी देवी ने इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी दमदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान उनके प्रदर्शन से लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके खेल और उनके प्रदर्शन की जमकर तारीफ की थी। इस टूर्नामेंट में वो देश को मेडल दिलाने से चूक गई थी।