नई दिल्ली। Boxing: दिल्ली में ही हुई वर्ष 2006 की विश्व चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण पदक जीते थे। इस बार भी उसके चार मुक्केबाज नीतू, निकहत जरीन , लवलीना और स्वीटी बूरा फाइनल में हैं। नीतू और स्वीटी शनिवार को स्वर्ण के लिए रिंग में उतरेंगी, जबकि निकहत और लवलीना रविवार को फाइनल खेलेंगी।
0 अपने खेल में काफी सुधार किया : नीतू
दो बार की विश्व यूथ और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की विजेता नीतू के सामने दो बार एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य जीत चुकीं मंगोलिया की अल्तांतसेतसेग लुतसाइखान होंगी। नीतू अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीतने के लिए आश्वस्त लग रही हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने इस चैंपियनशिप केदौरान अपने खेल में काफी सुधार किया है।
0 स्वीटी के पास स्वर्ण जीतने का मौका
2014 की विश्व चैंपियनशिप का रजत जीतने वाली स्वीटी के पास अपने पदक का रंग बदलने का मौका है। स्वीटी के सामने 2018 की विश्व चैंपियन चीन की लिना वांग होंगी। स्वीटी के मुताबिक अभी तक उन्होंने इस टूर्नामेंट की दोनों बाउट में पहले दो दौर में अपना सर्वश्रेष्ठ आक्रामक प्रदर्शन किया है जिसका उन्हें फायदा भी मिला है। इसी प्रदर्शन को वह फाइनल में जारी रखना चाहेंगी।
0 स्वर्ण जीतकर माता-पिता को देना चाहती है उपहार : निकहत
गत विजेता और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण जीतने वाली निकहत 52 की बजाय ओलंपिक में शामिल 50 भार वर्ग में उतरी हैं। वह पहली बार किसी टूर्नामेंट में छह बाउट लड़ेंगी। उनके सामने फाइनल में दो बार की एशियाई चैंपियन और जकार्ता एशियाई खेलों में कांस्य जीतने वाली वियतनाम की एनगुएन थाई ताम होंगी। निकहत कहती हैं कि वह स्वर्ण जीतकर अपने माता-पिता को इसे उपहार में देना चाहती हैं।
0 गोल्ड जीतकर आलोचकों को देना चाहती है कड़ा जवाब : लवलीना
2018 और 2019 में विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीतने वाली लवलीना टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीतने के बाद आलोचकों के निशाने पर रही हैं। वह यहां स्वर्ण जीतकर इन्हीं आलोचकों को गलत साबित करना चाहती हैं। लवलीना के सामने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल में कांस्य जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर होंगी। लवलीना उनके साथ आयरलैंड में राष्ट्रमंडल खेलों से पहले अभ्यास भी कर चुकी हैं। लवलीना ने भी नया भार वर्ग 75 किलो अपनाया है।