INDIA. क्रिकेट वर्ल्डकप 2023 के फाइनल में भारत की हार पर कश्मीर की एक यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया गया। ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे। पटाखे फोड़े गए। आपत्ति जताने वाले गैर कश्मीरी छात्र को धमकी दी गई। इस मामले में यूनिवर्सिटी के 7 कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर UAPA के तहत केस चलेगा।
19 नवम्बर 2023 को वर्ल्डकप फाइनल में भारत की हार के बाद गांदरबल स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कश्मीरी छात्रों ने खूब जश्न मनाया और पटाखे फोड़े। इन छात्रों ने हॉस्टल में हंगामा करते हुए भारत विरोधी नारे लगाए। ये छात्र पाकिस्तान के समर्थन में हंगामा कर रहे थे।
जब एक गैर कश्मीरी छात्र ने इन्हें रोकने का प्रयास किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले पर छात्र ने पुलिस से शिकायत की। जाँच के बाद अब सात छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसकी पुष्टि विश्वविद्यालय प्रशासन ने की है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “हॉस्टल में लगभग 300 छात्र रहते हैं। इनमें से 30-40 छात्र पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से हैं। 19 नवम्बर की रात को झगड़ा हुआ था। बाहरी छात्रों ने यह आरोप लगाया कि भारत की हार के बाद पटाखे फोड़े गए और उन्हें परेशान किया गया।”
पीड़ित गैर कश्मीरी छात्र ने 7 अन्य छात्रों के विरुद्ध पुलिस को दी हुई शिकायत में कहा है, “मैच के बाद उन्होंने मुझे परेशान करना और गालियाँ देना चालू कर दिया, क्योंकि मैं अपने देश का समर्थन कर रहा था। इन छात्रों ने मुझे गोली मारने की धमकी दी, पकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जिसके कारण बाहर के छात्रों में भय का माहौल व्याप्त हुआ।”
शिकायत के बाद छात्रों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनके हॉस्टल से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हॉस्टल के वार्डन से इन छात्रों को पुलिस को सौंपने को कहा। अभी इन सातों छात्रों को गान्दरबल पुलिस थाने में रखा गया है। इन पर UAPA और भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (किसी समुदाय के विरुद्ध हिंसा के लिए भड़काने) और 506 (धमकी देने) के तहत कार्रवाई की गई है।
गिरफ्तार छात्रों के नाम तौकीर भट, मोहसिन फारूक वानी, आसिफ गुलजार वार, उमर नजीर डार, सैयद खालिद बुखारी, समीर राशिद मीर और उबैर अहमद हैं। यह सभी विश्वविद्यालय में पशु विज्ञान शाखा के चौथे वर्ष के छात्र हैं। कॉलेज के एक अधिकारी का कहना है कि जिस 20 वर्षीय छात्र को परेशान किया गया, उसने पहले कॉलेज प्रशासन ने शिकायत नहीं की बल्कि सीधे पुलिस में मामला दर्ज करवाया। अब आगे की कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस के हाथ में हैं।