Home » रोहन बोपन्ना के करियर का अंतिम टूर्नामेंट होगा डेविस कप
खेल

रोहन बोपन्ना के करियर का अंतिम टूर्नामेंट होगा डेविस कप

नयी दिल्ली। भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने बुधवार को कहा कि वह मोरक्को के खिलाफ सितंबर में अपने डेविस कप कैरियर पर विराम लगायेंगे लेकिन अपने राज्य कर्नाटक में विदाई मैच खेलने की उनकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकेगी क्योंकि एआईटीए इस मैच की मेजबानी उत्तर प्रदेश को पहले ही दे चुका है। भारत को सितंबर में विश्व ग्रुप दो के मैच में मोरक्को से खेलना है। डेविस कप में 2002 में पदार्पण करने वाले बोपन्ना भारत के लिये 32 मुकाबले खेल चुके हैं।

उन्होंने लंदन से कहा ,‘‘ मैं सितंबर में अपना आखिरी डेविस कप मैच खेलने की सोच रहा हूं। मैं 2002 से टीम के साथ हूं। मैं चाहता था कि यह मैच बेंगलुरू में हो और मैने भारतीय खिलाड़ियों से भी इस बारे में बात की। वे सभी बेंगलुरू में खेलने को लेकर खुश थे।अब महासंघ को देखना है कि वे बेंगलुरू में मुकाबला कराना चाहते हैं या नहीं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ चूंकि मैं 20 साल से खेल रहा हूं तो मुझे बस कप्तान से बात करनी होगी कि क्या इसे वहां कराया जा सकता है। सभी आकर आखिरी बार मुझे खेलते देख सकेंगे। ’’

अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने हालांकि पीटीआई से कहा कि इस मैच की मेजबानी कर्नाटक प्रदेश लॉन टेनिस संघ को नहीं दी जा सकती। एआईटीए महासचिव अनिल धूपर ने कहा ,‘‘ रोहन के लिये यह अच्छा होता कि भारत के लिये अपना आखिरी मैच बेंगलुरू में खेले लेकिन हम उत्तर प्रदेश को मेजबानी दे चुके हैं। मैच लखनऊ में होगा और यह पहले से तय है।’’ भारत के लिये सबसे ज्यादा 58 मैच लिएंडर पेस ने खेले हैं जिसके बाद जयदीप मुखर्जी ने 43, रामनाथन कृष्णन ने 43, प्रेमजीत लाल ने 41, आनंद अमृतराज ने 39, महेश भूपति ने 35 और विजय अमृतराज ने 32 मैच खेले हैं।

बोपन्ना ने 32 मैच खेलकर 12 एकल और 10 युगल मुकाबले जीते। यह पूछने पर कि क्या वह एटीपी टूर पर खेलते रहेंगे , उन्होंने कहा ,‘‘ अगर मैं टूर पर नहीं खेलता हूं तो मेरी जगह किसी दूसरे भारतीय को नहीं मिलने जा रही। अगर मैं विम्बलडन नहीं खेलता हूं तो कोई और भारतीय मेरी जगह नहीं लेगा। डेविस कप में हालांकि मेरी जगह एक भारतीय ही खेलेगा।