इंदौर । भारत ने कप्तान रोहित शर्मा (101) और शुभमन गिल (112) के नायाब शतकों के बाद गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर तीसरे और अंतिम एकदिवसीय मैच में न्यूजीलैंड को 90 रन से रौंदकर वनडे सीरीज 3-0 से जीत ली।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर 385 रन बनाये। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की पूरी टीम 41.2 ओवर में 295 रन पर सिमट गयी।
रोहित और गिल ने भारत की जीत की नींव रखते हुए दोहरी शतकीय साझेदारी की। रोहित ने एकदिवसीय क्रिकेट में 1101 दिनों का सूखा खत्म करते हुए 85 गेंदों पर नौ चौकों और छह छक्कों के साथ 101 रन बनाये। दो मैच पहले दोहरा शतक जडऩे वाले गिल ने अपनी अद्भुत लय बरकरार रखते हुए 78 गेंदों पर 112 रन की पारी खेली, जिसमें 13 चौके और पांच गगनचुंबी छक्के शामिल रहे। भारतीय पारी मध्य ओवरों में कई झटके लगने से लडख़ड़ाई, जिसके बाद हार्दिक पांड्या ने 38 गेंदों पर तीन चौकों एवं तीन छक्कों के साथ 54 रन बनाकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की ओर से डेवन कॉनवे ने शतक जड़ा लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिल सका। कॉनवे ने अकेले संघर्ष करते हुए 100 गेंदों पर 12 चौकों और आठ छक्कों की बदौलत 138 रन बनाये, जबकि न्यूजीलैंड का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर 42 रन (हेनरी निकोल्स) रहा।
यह रनों के मामले में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की चौथी सबसे बड़ी जीत है। भारत इस जीत के साथ आईसीसी वनडे टीम रैंकिंग में न्यूजीलैंड को पछाड़कर शीर्ष पर भी पहुंच गया है।
सीरीज में पहले ही 0-2 से पिछड़ चुके न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी के लिये बुलाया। इंदौर के छोटे मैदान पर बड़ा स्कोर बनाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए रोहित-गिल की जोड़ी ने टीम को उपयुक्त शुरुआत दी। भारत की सलामी जोड़ी को लोकी फर्ग्यूसन के अलावा कोई कीवी गेंदबाज शान्त नहीं रख सका और दोनों ने पहले पावरप्ले में कुल 82 रन जोड़े।
गिल ने पांव जमाने के बाद 12वें ओवर में चौका लगाकर 33 गेंदों में अपना अर्द्धशतक पूरा किया, जबकि रोहित ने 14वें ओवर में छक्का लगाकर 50 रन के आंकड़े को छुआ।
पहले पावरप्ले के बाद भी दोनों बल्लेबाजों ने पारी की रफ्तार नहीं रुकने दी और न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में भारत की सबसे बड़ी साझेदारी कर डाली।
रोहित और गिल ने पहले विकेट के लिये 26 ओवर में 212 रन जोड़े, हालांकि दोनों ही सैकड़ा जमाने के बाद पवेलियन लौट गये।
एक समय पर भारत 400 रन की ओर अग्रसर था लेकिन न्यूजीलैंड ने मध्य ओवरों में लगातार विकेट लेते हुए रनगति पर लगाम कसी।
ईशान किशन सिर्फ 17 रन पर रनआउट होकर पवेलियन लौट गये, जबकि विराट कोहली (36) कवर्स पर खड़े फिन एलेन को कैच थमा बैठे।
सूर्यकुमार यादव और वाशिंगटन सुंदर का विकेट गिरने से भारतीय पारी की रफ्तार थम गयी लेकिन पांड्या ने विकेट पर समय बिताकर भारत को संभाल लिया।
शार्दुल ठाकुर ने पांड्या का साथ देते हुए 17 गेंदों पर 25 रन (तीन चौके, एक छक्का) बनाये और दोनों के बीच सातवें विकेट के लिये 54 रन की साझेदारी हुई। पांड्या भले ही 49वें ओवर में आउट हो गये, लेकिन भारत ने अंतिम पांच ओवरों में 60 रन जोड़ते हुए 385 रन का स्कोर खड़ा कर दिया।
ब्लेयर टिकनर ने 10 ओवर में 76 रन देकर तीन विकेट लिये। जेकब डफी ने भी तीन विकेट हासिल किये, हालांकि उन्होंने अपने 10 ओवर में 100 रन लुटाये। माइकल ब्रेसवेल ने छह ओवर में 51 रन देकर एक सफलता हासिल की। फर्ग्यूसन 10 ओवर में 53 रन देकर सबसे किफायती कीवी गेंदबाज साबित हुए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड ने एलेन का विकेट पहले ओवर में गंवा दिया, हालांकि इसके बाद कॉनवे और हेनरी निकोल्स ने पारी को संभालने का काम किया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 106 रन की साझेदारी की जिसमें निकोल्स ने 42 रन का योगदान दिया। निकोल्स ने कुलदीप यादव का शिकार होने से पहले 40 गेंदें खेलकर तीन चौके और दो छक्के लगाये।
निकोल्स का विकेट गिरने के बाद कॉनवे ने डैरिल मिचेल (24) के साथ भी तीसरे विकेट के लिये 78 रन जोड़े। कॉनवे ने 24वें ओवर में युज़वेंद्र चहल को लगातार दो छक्के जड़कर अपना अर्द्धशतक पूरा किया। न्यूजीलैंड इस साझेदारी के दम पर मैच पर पकड़ बना रहा था, तभी भारत की मदद के लिये शार्दुल ठाकुर आगे आये। ठाकुर ने 10 गेंदों के अंदर मिचेल, टॉम लैथम और ग्लेन फिलिप्स का विकेट निकाला और पलक झपकते ही आधी कीवी टीम पवेलियन में थी।
कॉनवे ने अपना संघर्ष जारी रखा, लेकिन कुछ देर बाद वह भी उमरान मलिक की गेंद पर रोहित को कैच थमाकर पवेलियन लौट गये।
न्यूजीलैंड को अंतिम 18 ओवर में 156 रन की दरकार थी और कीवी टीम का निचला क्रम दबाव में ढह गया। कुलदीप यादव ने माइकल ब्रेसवेल (26) और लोकी फर्ग्यूसन को आउट किया, जबकि युज़वेंद्र चहल ने जेकब डफी को आउट करने के बाद मिचेल सैंटनर (34) के रूप में न्यूजीलैंड का आखिरी विकेट लिया।
कुलदीप और ठाकुर ने कुल तीन-तीन सफलतायें हासिल कीं, जबकि चहल को दो विकेट हासिल हुए। पांड्या और उमरान ने एक-एक विकेट अपने नाम किया।