SPORTS. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दो मुकाबले हो चुके हैं. तीसरा मुकाबला 14 दिसंबर से गाबा ब्रिसबेन में खेला जाएगा. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने इस सदी के लिए अपनी टीम के बारे में बताया. भारत से उन्होंने सचिन, विराट और धोनी समेत 6 खिलाड़ियों को शामिल किया.
एक निजी यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए माइकल क्लार्क ने कहा कि वे पहले ही माफी मांग रहे हैं, मेरे दिमाग से निकल जाए और अगर कोई छूट जाए. क्लार्क ने कहा, “दोनों टीमों को मिलाकर एक टीम बनाना हो तो मैं आंकड़ों पर गौर नहीं करूंगा, बल्कि उनकों चुनूंगा जिनके साथ मुझे खेलना पसंद रहा, मैं उन्हीं के बारे में बात करूंगा. मैं ओपनर के रूप में सेहवाग और हेडेन को रखूंगा, तीसरे नंबर पर पोंटिंग और चौथे स्थान पर सचिन को…”
जहीर खान की गेंदों में थी नैचुरल स्विंग
क्लार्क ने अपनी टीम में कीपर के रूप में धोनी और गिलक्रिस्ट को शामिल किया, उन्होंने कहा कि अगर भारत में खेल रहे हैं तो धोनी और ऑस्ट्रेलिया में गिलक्रिस्ट से बेहतर कोई नहींं होगा. जहीर खान को 12 वें खिलाड़ी के रूप में क्लार्क ने रखा. उन्होंने कहा कि जहीर की गेंदों में नैचुरल स्विंग थी. ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों जगह उनकी गेंदें लाजवाब रहती थीं. क्लार्क ने कहा कि वे कई विशिष्ट खिलाड़ियों को छोड़ रहे हैं, उनके लिए हमें दूसरी टीम बनानी पड़ेगी, जो इस टीम को चुनौती दे सके.
वीरेंद्र सेहवाग, मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, एडम गिलक्रिस्ट (ऑस्ट्रेलिया में)/ एमएस धोनी (भारत में), शेन वार्न, रयान हैरिस, जसप्रीत बुमराह, ग्लेन मैकग्राथ
12वां खिलाड़ी: मिचेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया में) और जहीर खान (भारत में)
अपने देश के लिए खेलते लाइन क्रॉस हो जाती है
क्लार्क ने आगे कहा कि सभी खिलाड़ी बेहतरीन हैं. सभी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैचों का हिस्सा होना चाहते हैं. यह राइवलरी समय के साथ बढ़ी ही है. कभी कभार यह प्रतिस्पर्द्धा नैतिकता की लाइन को पार कर जाती है, तो इसका कारण है कि खिलाड़ी अपनी टीम को जिताना चाहते हैं. हाल ही में सिराज और ट्रेविस हेड के बीच मैदान पर खूब गहमागहमी देखने को मिली थी. जिसके बाद सिराज को 1 डिमेरिट प्वाइंट के साथ मैच फीस का 20% गंवाना पड़ा और ट्रेविस हेड के खाते में भी 1 डिमेरिट प्वाइंट जोड़ा गया. क्लार्क ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आईपीएल में खेलने कई विदेशी खिलाड़ी जाते हैं, ऑफ फील्ड वे आपस में अच्छे दोस्त हैं, लेकिन अपने अपने देश के लिए खेलते समय उनके लिए अपनी टीम की जीत सबसे ज्यादा मायने रखती है.