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सुनील गावस्कर ने कोहली को लेकर कही बड़ी बात, इंग्लैंड को भारत दौरे से पहले ही डराया

विराट को लेकर सुनील गावस्कर ने बड़ी बात कही है। इंग्लैंड के भारत दौरे से पहले ही सुनील गावस्कर ने कहा कि अगर इंग्लैंड के पास बैजबॉल है तो जवाब में हमारे पास विराटबॉल है। बता दें इंग्लैंड की टीम 25 जनवरी से भारत में टेस्ट मैचों की सीरज खेलेगी।

दोनों टीमों के बीच पहला मुकाबला 25 जनवरी से हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला जाएगा। सीरीज शुरू होने से पहले इंग्लैंड के ‘बैजबॉल’ की चर्चा काफी है। ब्रैंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद इंग्लिश टीम ने टेस्ट मैच में तेजी से रन बनाना शुरू किया। इंग्लैंड का यह ‘बैजबॉल’ तरीका काफी मशहूर हुआ और अब यह सवाल सबके मन में है कि क्या यह भारत की स्पिन पिचों पर सफल हो पाएगा? भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इसे लेकर अपनी राय रखी है।

गावस्कर ने कहा है कि इंग्लैंड के ‘बैजबॉल’ का मुकाबला भारत का ‘विराटबॉल’ करेगा। पूर्व भारतीय कप्तान को भरोसा है कि विराट कोहली के खेल से टीम को जीत मिलेगी। उन्होंने इसे ‘विराटबॉल’ नाम दिया है। गावस्कर ने कहा, “जिस तरह से विराट कोहली बल्लेबाजी कर रहे हैं, उनका मूवमेंट अच्छा लग रहा है। वह जिस फॉर्म में हैं, हमारे पास बैजबॉल का मुकाबला करने के लिए विराटबॉल है।”

कोहली नौ हजार रन के करीब
कोहली ने अब तक 113 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान विराट ने 8848 रन बनाए हैं। उन्होंने 29 शतक और 30 अर्धशतक लगाए हैं। वह 152 रन बनाते ही टेस्ट क्रिकेट में अपने नौ हजार रन पूरे कर लेंगे। इंग्लैंड ने घरेलू मैदान पर भारत के खिलाफ अपनी पिछली सीरीज ड्रा कराई थी। हालांकि, मेजबान भारत अपने घरेलू मैदान पर 2012-2013 में इंग्लैंड से 1-2 हार के बाद से टेस्ट सीरीज में अजेय है।

इंग्लैंड के सामने भारत के स्पिनरों की चुनौती
टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के नेतृत्व में भारत की स्पिन गेंदबाजी और इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी के बीच मुकाबला देखना रोचक होगा। भारत के पास अश्विन के अलावा रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल जैसे स्पिन गेंदबाज हैं। गावस्कर ने कहा, ”इंग्लैंड ने पिछले एक-दो सालों में टेस्ट क्रिकेट में नया दृष्टिकोण अपनाया है। यह एक आक्रामक दृष्टिकोण है जहां बल्लेबाज तेजी से रन बनाना चाहते हैं। वे सिर्फ आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहते हैं चाहे स्थिति कोई भी हो। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह दृष्टिकोण भारत के स्पिनरों के खिलाफ काम करता है।”