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GPS Technology क्या है, कैसे करती है काम? जानिए क्या मिलते हैं इसके फायदे

GPS सिस्टम का मुख्य मकसद एक यूजर की स्थानीय उपस्थिति को सटीकता से और बिना किसी संशय के निर्धारित करना है

जीपीएस (GPS) टेक्नोलॉजी यानी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (Global Positioning System) एक प्रमुख इलेक्ट्रिकल कंट्रोल सिस्टम है. यह टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइज्ड लोकल सर्किल (संगठित स्थानीय वृत्तांक) (latitude, longitude, और altitude) के साथ दुनिया के किसी भी स्थान की निर्धारित स्थान और समय जानने की क्षमता प्रदान करती है. GPS टेक्नोलॉजी सेटेलाइट्स, जियोस्टेशनरी ट्रांसफर कम्यूनिकेशन इक्विपमेंट (भूगर्भीय स्थानांतरण संचार उपकरणों), और रिसीव करने वाले उपकरणों के एक कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल करके काम करती है. इस तकनीक के पीछे काम करने के लिए, सेटेलाइट्स पर लोकलाइजेशन और टाइमिंग सिग्नल बार मैगनेट के इस्तेमाल का उपयोग किया जाता है.

GPS सिस्टम कैसे है फायदेमंद

GPS सिस्टम का मुख्य मकसद एक यूजर की स्थानीय उपस्थिति को सटीकता से और बिना किसी संशय के निर्धारित करना है. यह यूजर्स को नेविगेशन, यात्रा प्रबंधन, मानचित्र प्रदर्शन, और स्थानीय समय संकेतों के साथ अनुकूल ऐप्स प्रदान करने में मदद करता है. GPS टेक्नोलॉजी का व्यापक उपयोग संचार, नेविगेशन, गाड़ियों को ट्रैफिक रूट, फ्लाइट्स के निर्धारण, सैन्य और सुरक्षा उद्देश्यों, प्रकृति और वन्य जीवन की निगरानी, और वैज्ञानिक अनुसंधानों में किया जाता है.

लगातार देते हैं संकेत

जीपीएस (GPS) उपग्रह निरंतर संकेत भेजते हैं जिनमें उनके स्थान और सटीक समय के बारे में जानकारी होती है. जीपीएस रिसीवर, जीपीएस प्रणाली कई उपग्रहों से संकेतों को त्रिकोणित करके काम करती है. एक जीपीएस रिसीवर को अपनी त्रि-आयामी स्थिति (अक्षांश, देशांतर और ऊंचाई) को सटीक रूप से निर्धारित करने और नेविगेशन जानकारी प्रदान करने के लिए कम से कम चार उपग्रहों से सिग्नल की जरूरत होती है.

इनमें होता है इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

आजकल, सेटेलाइट्स आधारित जीपीएस टेक्नोलॉजी (GPS Technology) बहुत सारे प्रयोगों में इस्तेमाल हो रही है, जैसे कि स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, फ्लाइंग क्राफ्ट, सेलिंग शिप, और शिपिंग कंपनियों के लिए नेविगेशन सिस्टम आदि में इस्तेमाल हो रहा है. आज जीपीएस का उपयोग रसद, परिवहन और बेड़े प्रबंधन जैसे उद्योगों में वाहनों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है. यह कंपनियों को अपने वाहनों के स्थान और आवाजाही की निगरानी करने, मार्गों को अनुकूलित करने और दक्षता में सुधार करने में सक्षम बनाता है.