ज्ञानपुर (भदोही)। उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां मानसिक रूप से दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को भदोही की अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो मधु डोंगरा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। दोषी को 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी देना होगा। अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।
अभियोजन के अनुसार पीड़िता के पिता ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि आठ मार्च, 2024 की शाम पांच बजे घर में मानसिक रूप से दिव्यांग उसकी 13 साल की बेटी नहीं मिली। इससे वह उसे खोजते हुए गांव की तरफ गया तो महिलाओं ने बताया कि हरिरामपुर का सतीश राजभर उसका हाथ पकड़कर ले जा रहा था।
कुछ महिलाओं ने बताया कि उसकी बेटी को खेत की तरफ जाते देखा गया। वहां जाने पर देखा तो उसकी बेटी बिना कपड़े के पड़ी थी। पूछने पर उसने इशारे में बताया कि सतीश ने गलत काम किया। शुरुआत में लोकलाज की वजह से चुप रहा, लेकिन उसके बाद तहरीर दी।
पुलिस ने 13 मार्च 2024 को कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया। छह महीने के अंदर पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में भेजा। मंगलवार को न्यायाधीश सतीश को 20 साल कारावास एवं 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया।