झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात लगी आग में 10 बच्चों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई है। इस दौरान 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय करीब 54 बच्चे नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में भर्ती थे।
झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड के अनुसार एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिससे आक्सीजन से भरे एनआईसीयू वार्ड में आग फैल गई। झांसी डिविजन के डीआईजी ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है जो घायल हैं, उन्हें शिफ्ट करने कार्य चल रहा है। सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लिया है और 12 घंटों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
नर्स की एक गलती से गई 10 बच्चों की जान
हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास उन लोगों में से हैं, जिनके बेटे का बेटा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। कल जब आग लगी तो भगवान दास वार्ड में ही मौजूद थे। भगवान दास के मुताबिक, बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई। आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया, बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया।
यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है और घायलों को 50 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।