बिजनौर। आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में केस का 40 दिन तक ट्रायल चला। 25 जुलाई को पहली तारीख लगी और ट्रायल शुरू हुआ। केस में तत्कालीन विवेचक समेत 11 गवाही हुई। पुलिस के मजबूत एविडेंस सजा के आधार बने। सात जून को घटना हुई। 18 दिन बाद तत्कालीन विवेचक योगेश कुमार ने आरोपित बिजेंद्र के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 25 जुलाई को पहली तारीख लगी।
किरतपुर थाना क्षेत्र में 87 दिन पहले 57 वर्षीय अधेड़ ने गांव की ही एक आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में पोक्सो एक्ट की विशेष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कल्पना पांडेय में आरोपित बिजेंद्र को दोषी पाते हुए 25 वर्ष का कठोर कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने जुर्माने की राशि में से आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के तौर पर देने के आदेश दिए हैं।
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी भालेंद्र कुमार राठौर के अनुसार किरतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाना किरतपुर में दर्ज कराई रिपोर्ट में लिखा कि उसकी आठ वर्षीय धेवती चार-पांच दिन की छुट्टियों में उनके घर आई थी। वह वंचित वर्ग से है। सात जून 2024 को वादी की धेवती गांव में स्थित एक नलकूप के पास खेल रही थी। इस दौरान अपराह्न तीन बजे के करीब गांव के आरोपित बिजेंद्र उसकी धेवती को जबरन ईख के खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।