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उत्तर प्रदेश

सिपाही पत्नी की हत्या : 5 साल बाद आरोपी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, बेटा था चश्मदीद गवाह 

कानपुर। पांच साल पहले सिपाही पत्नी की हत्या मामले में आरोपी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जिला जज प्रदीप कुमार सिंह ने उस पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। वैसे तो इस मामले में 10 गवाह पेश किए गए, लेकिन बेटे की गवाही अहम रही। वह हत्या का चश्मदीद गवाह था और उसी ने पिता के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

नौबस्ता क्षेत्र के खाड़ेपुर योगेंद्र विहार निवासी वीरेंद्र सिंह भदौरिया पत्नी शारदा व बेटे शिवसिंह के साथ रहता था। शारदा उन्नाव कोतवाली में हेड कांस्टेबल थी। वीरेंद्र शारदा के चरित्र पर शक करता था। इसे लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद हुआ करता था। 20 नवंबर 2018 की सुबह बेटा शिवसिंह शौच के लिए जा रहा था, तभी पति-पत्नी के बीच फिर से विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि वीरेंद्र ने शारदा की चापड़ से काटकर हत्या कर दी। पिता को मां पर हमला करते बेटा शिवसिंह ने देखा था। बेटे को देख वीरेंद्र मौके से फरार हो गया था। ।

शिवसिंह ने पिता के खिलाफ नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी रवींद्र अवस्थी ने बताया कि अभियोजन की ओर से 10 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। बेटे, मृतका की बहन व पिता के अलावा मकान में किराये पर रहने वाली महिला ने भी गवाही दी थी। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने वीरेंद्र को हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई।

शारदा के 20 वर्षीय बेटे शिवसिंह ने चश्मदीद गवाह के रूप में गवाही दी। उसने अपनी आंखों के सामने हत्या होने की बात कोर्ट को बताई। उसी ने डायल 100 पर हत्या की सूचना दी थी और पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मकान में रहने वाली किरायेदार अनीता द्विवेदी ने भी बताया था कि शिवसिंह के चीखने की आवाज सुनकर वह भी पहुंची थी, उसने वीरेंद्र को मौके से भागते देखा था।