0 बड़ा माफिया बनने वारदात को दिया अंजाम, रिपोर्टर बनकर पहुंचे थे
उत्तरप्रदेश। गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की सनसनीखेज हत्या के बाद यूपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। योगी सरकार ने इस हत्याकांड के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है और यह बात सामने आई है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी प्रयाग राज से बाहर के रहने वाले हैं। तीनों रिपोर्टर बनकर पहुंचे थे। एक ने अतीक के सिर पर पिस्तोल रखकर फायर कर दिया। अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपियों पर पहले कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं की वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं, इसलिए वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया, कब तक छोटे मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है, क्योंकि तीनों के बयानों में विरोधाभास है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
सूत्रों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में पता चला है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है, वहीं तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपना यही पता बताया है और इसके बाद पुलिस इनके बयानों को वेरिफाई कर रही है। जांच में एक बात तो साफ हो गई है कि तीनों आरोपी अतीक और अशरफ की हत्या के मकसद से ही प्रयागराज आए थे। इंस्पेक्टर धुमलगंज राजेश मौर्य की टीम अतीक अहमद को लाई थी, वही सबसे सीनियर अफसर थे जो अतीक और अशरफ को लाए थे। अतीक अहमद और अशरफ को मारने के लिए हमलावर जिस बाइक यूपी 70 एम 7337 से आए थे वो वाहन एप पर सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर बता रही है। यह नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी सीडी 100 एसएसे बाइक पर दर्ज है, जिसे 3 जुलाई 1998 को कैश में खरीदा गया था। क्या ये नंबर फर्जी तो नही इसकी भी जांच की जाएगी? बाइक कहां से लाई गई, किसकी है इसकी जांच जारी है। इसके अलावा कैमरा कहां से लिया? फेक कैमरा है या कही से खरीद कर लाये इसकी जांच की जाएगी। फोरेंसिक टीम के 5 अधिकारी मौके पर हर सबूत जुटा कर मौके से रवाना हुए।