प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक गैंग की जांच में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और बेचने का राजफाश हो रहा है। हाल ही में पूरामुफ्ती थाने में अशरफ की पत्नी जैनब समेत सात के खिलाफ केस लिखाकर वक्फ जमीन मुक्त कराई जा रही है। सच यह है कि गिरोह का मुखिया अतीक अहमद खुद वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करता रहा है।
सच यह है कि गिरोह का मुखिया अतीक अहमद खुद वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करता रहा है। उसने बहादुरगंज में इमामबाड़ा तोड शापिंग कांप्लेक्स बनाकर दुकानें बेच डाली थी। सरकार बदलने पर प्रकरण की जांच कराने के बाद अवैध शापिंग काम्पलेक्स को ढहाकर केस दर्ज कराया गया था। अतीक अहमद का पूरा आर्थिक साम्राज्य निजी और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे से बना है। उसने वक्फ की संपत्तियां भी हड़प लीं। बहादुरगंज की बताशा मंडी में दो सौ वर्ष पुराना इमामबाड़ा हैदर रजा भी वर्ष 2015 में अतीक के कब्जे का शिकार हो गया।
अतीक ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड से संचालित इमामबाड़ा में अपने करीबी वकार रिजवी को मुतवल्ली बनवा दिया था। उसने इमारत को जर्जर बताकर उसे तोड़वाना शुरू कर दिया। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। विरोध करने वालों पर पुलिस की लाठियां बरसीं। कुछ ही समय में इमामबाड़ा को ढहाकर वहां 64 दुकानों वाला चार मंजिला शापिंग कांपलेक्स बना दिया गया।
इमामबाड़ा को कांपलेक्स की पहली मंजिल के पिछले हिस्से में छोटे स्थान पर सीमित कर दिया गया था। एक-एक दुकान 20 से 30 लाख में बेची गई थी। इस तरह से इमामबाड़ा पर कब्जा कर अतीक ने अपनी तिजोरी भरी थी। शिया स्कालर शौकत भारती ने आवाज उठाई तो उनके खिलाफ फर्जी केस लिखा गया। योगी सरकार ने जांच कराकर वर्ष 2020 में अतीक के अवैध शापिंग कांप्लेक्स को ढहा दिया था।
छोटी करबला पर भी कब्जा
अतीक और उसके गुर्गे हर विवादित जमीन पर कब्जा जमाने की ताक में रहते थे। चाहे वह भूमि सरकारी हो या धार्मिक। अतीक अहमद ने अपने कार्यालय के निकट छोटी कर्बला पर भी गुर्गों से कब्जा करा दिया था। वहां गिट्टी-बालू और सीमेंट की दुकाने खुलवा दी। यहां तक कि वक्फ की जमीन पर गुर्गों का नाम चढ़वा दिया था। इसकी शिकायत पर जांच शुरू की गई है।