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राम मंदिर के नाम पर हो रहा साइबर अपराध, अयोध्या पुलिस ने किया आगाह

अयोध्या। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में अब मात्र दो दिन बचे हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में इतिहास रचने जा रहा है। जिस दिन का इंतजार बरसों से लोगों को था वो आखिरकार 22 जनवरी को पूरा होगा। राम मंदिर में श्रीराम के विराजमान होने वाले इस भव्य कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इस बीच साइबर अपराध के मामले भी बढ़ने लगे हैं।

राम मंदिर के नाम पर बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए अयोध्या पुलिस ने अब लोगों को आगाह किया है। लोगों को पुलिस ने सतर्क रहने के लिए कहा है। पुलिस ने आगाह करते हुए कहा कि राम मंदिर को लेकर लोगों की आस्था का अपराधी फायदा उठा रहे हैं।

आस्था का फायदा उठा रहे साइबर अपराधी

पुलिस ने कहा कि साइबर अपराधी लोगों की आस्था का फायदा उठा रहे हैं और फर्जी क्यूआर कोड भेजकर राम मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। आम लोगों को मुफ्त प्रसाद बांटने के नाम पर, वीआईपी पास और राम मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश पास देने के नाम पर भी धोखाधड़ी की जा रही है। राम मंदिर, अयोध्या के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाई जा रही है। ऐसे में पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

बरतें ये सावधानियां

पुलिस ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति के अनुरोध या किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए व्हाट्सएप संदेश का बिना सत्यापन के जवाब न दें और न ही बिना सत्यापन के किसी को पैसे दान करें। पुलिस ने साफ कहा कि किसी अधिकारिक वेबसाइट पर ही क्लिक करें।

की जाती है तीन बार आरती

पुलिस ने बताया कि राम जन्मभूमि मंदिर में आरती पास प्राप्त करने के लिए बुकिंग 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले दिसंबर में शुरू हुई थी। भगवान राम के लिए दिन में तीन बार (सुबह 6.30, दोपहर 12, शाम 7.30) आरती की जाती है। लल्ला जिसके लिए भक्तों के लिए पास बनाए जाते हैं।

पीएम मोदी कर रहे हैं नियमों का पालन

रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, जिसका अनुष्ठान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम अनुष्ठान का नेतृत्व कर रही है। पीएम मोदी श्रीराम को अयोध्या में लाने के लिए 11 दिनों तक अनुष्ठान के नियमों का पालन कर रहे हैं।