वाराणसी । खिलाड़ियों के हैंडबॉल टीम में चयन के लिए अब तक सर्वमान्य टेस्ट मॉडल नहीं है। खेल विशेषज्ञों और संघों की इस समस्या का समाधान बीएचयू की छात्रा ने निकाला है। मऊ निवासी शोध छात्रा साक्षी ने बताया कि फ्रांस के हॉवर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. कॉनिस ने वर्ष 1949 में कॉनिस हैंडबॉल टेस्ट माॅडल बनाया था। खेल में कई बदलाव हुए लेकिन चयन माॅडल पुराना ही है। खेल की बेहतरी के लिए नए माॅडल की जरूरत है।
अब बीएचयू के शारीरिक शिक्षा विभाग की शोध छात्रा साक्षी सिंह ने हैंडबॉल टीम चयन के लिए टेस्ट मॉडल बनाया है। इसमें खिलाड़ियों की स्पीड और एक्यूरेसी को आधार बनाया गया है। इसके परीक्षण के लिए देशभर के 300 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। मॉडल के सफल होने पर इसे भारत में हैंडबॉल टीम के चयन का आधार बनाया जा सकता है।
कैसे होगा टेस्ट