प्रयागराज। ओडिशा के संबलपुर से जम्मूतवी जाने वाली मुरी एक्सप्रेस (118309) को यूपी के कौशांबी में पलटाने के लिए षड्यंत्र रचा गया था। रेलवे पटरी पर पत्थर रखे गए थे, जिससे टकराकर ट्रेन को बेपटरी किया जाना था। इस दौरान ट्रेन आई और पत्थर से टकरा भी गई। तेज आवाज के बाद लोको पायलट ने जैसे-तैसे इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया और ट्रेन को पटरी से नीचे उतरने से बचा लिया।
घटना रविवार दोपहर ढाई बजे दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पर कौशांबी के पूरामुफ्ती क्षेत्र के छबीलेपुर गांव के सामने की है। घटनास्थल से टूटे पत्थर बरामद किए गए हैं। पत्थर की लंबाई पौने दो मीटर है, जबकि मोटाई व चौड़ाई 10-10 सेंटीमीटर है। रविवार को दोपहर लगभग ढाई बजे प्रयागराज कंट्रोल रूम में लोको पायलट ने सूचना भेजी कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा था और उससे ट्रेन टकराई है। सभी यात्री सुरक्षित हैं और वह ट्रेन आगे बढ़ा रहे हैं। सूचना के लगभग 20 मिनट बाद उत्तर मध्य रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर मौके पर पहुंचे। रेलवे पटरी पर पत्थरों के टकराहट के निशान मिले, जबकि पटरी के बगल ही पत्थर के टुकड़े भी पाए गए। आशंका है कि पटरी का एक छोर बाधित किया गया था।
पूरामुफ्ती थाने में घटनाक्रम को लेकर एफआईआर दर्ज की गई। छबीलेपुर गांव के पास से डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर लाइन के बाउंड्रीवाल के बगल में दिल्ली-हावड़ा रूट का ट्रैक भी जाता है। बाउंड्रीवाल में लगे पत्थर के टुकड़े ही रेलवे ट्रैक पर रखे गए थे। इन पत्थरों को किसने रखा था, इसके बारे में अभी कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी है। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय पंडित भी घटनास्थल पर पहुंचे। छबीलेपुर गांव में मौजूद ग्रामीणों से अब पुलिस इस बारे में पूछताछ करेगी। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल ने घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय अंतरविभागीय कमेटी गठित की है। ट्रेन मैनेजर और लोको पायलट का भी बयान दर्ज होगा।
लोको पायलट के बयान के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि उन्होंने पत्थर देखकर ब्रेक लगाई थी या टकराने के बाद। कोहरा भी एक बड़ा कारण हो सकता है, बयान के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय पंडित ने बताया कि प्राथमिक तौर पर शरारती तत्वों की हरकत लग रही है। हमारी कई टीमें इसकी जांच में लगी हैं। रेल पटरी पर पत्थर किसने रखा? ट्रेन पलटाने की साजिश किसकी थी? कोई शरारती तत्व था या सोची समझी चाल? इन सवालों का उत्तर ढूंढने के लिए आरपीएफ की तीन टीमों के अलावा इंटेलीजेंस को सक्रिय कर दिया गया है। मौके पर पहुंचे श्वान दस्ते का खोजी कुत्ता लगभग 200 मीटर गांव की ओर जाकर रुक जा रहा था। पास में ही क्रिकेट खेल रहे युवाओं से भी आरपीएफ ने पूछताछ की है।