उत्तरप्रदेश/लखनऊ। शुक्रवार को कोविड के नए वैरिएंट जेएन-1 को लेकर शासन ने सभी सरकारी, निजी अस्पतालों के साथ ही सीएमओ को नई गाइडलाइन जारी कर दी। इसके तहत इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों, खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की कोविड जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव पाए जाने पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूना केजीएमयू भेजा जाएगा।
नई गाइडलाइन के तहत खांसी, जुकाम, बुखार व श्वांस संबंधी रोगियों पर विशेष तौर पर नजर रखी जाएगी। इन मरीजों की जब तक कोविड रिपोर्ट नहीं आती है तब तक आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाएगा।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) यानी इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआई) यानी गंभीर किस्म के श्वसन तंत्र के संक्रमण के मामलों में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी।
निजी अस्पतालों को भी करना होगा गाइडलाइन का पालन
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है निजी अस्पतालों को भी कोविड की नई गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों को कहा गया है कि खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखें। उनकी कोविड जांच कराएं। रिपोर्ट आने तक कोविड प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से पालन किया जाए।