महाकुंभ के बाद भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इसे देखते व्यापक स्तर पर सुविधाएं बहाल रखने का निर्णय लिया गया है।महाशिवरात्रि के बाद भी संगम क्षेत्र में सारी सुविधाएं रहेंगी। घाटों पर स्नान, सुरक्षा, चकर्ड प्लेट आदि सुविधाएं रहेंगी। नाव से संगम स्थल पर भी जाकर स्नान कर सकेंगे। हालांकि महाकुंभ की समाप्ति के बाद पंडाल, प्रदर्शनी, विशेष जेटी आदि आकर्षण नहीं रहेंगे।
मेला अवधि के विस्तार में हैं अड़चनें- मेला अवधि के विस्तार में कई तरह की अड़चनें हैं। अफसरों तथा जानकारों का कहना है कि महाकुंभ या कुंभ का आयोजन की अवधि निश्चित है। यह पौष पूर्णिया या मकर संक्रांति में जो पहले पड़ जाए उससे शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलता है। ऐसे में इसका विस्तार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा मेले की बसावट, सुविधाओं आदि के लिए सेना समेत अन्य संबंधित पक्षों से करार भी हुआ है। मेला अविध बढ़ाने के लिए सभी के साथ नए सिरे से वही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। इसके अलावा आयोजन से पहले मेला प्रशासन ने राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) को लिखकर दिया गया है कि आयोजन की समाप्ति यानि, शिवरात्रि के बाद 15 दिनाें के भीतर सभी तक के अस्थाई बसावट हटा लिए जाएंगे।