कानपुर। बुलंदशहर को रहने वाले जोसेफ ने अपनी मौसेरी बहन से वर्ष 2017 में प्रेम विवाह किया था। इसके बाद जोसेफ फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित ससुराल में घर जमाई बनकर रहने लगा। वह यहां रहकर एक निजी कैंटीन में काम करने के साथ ही टी-शर्ट और मग प्रिटिंग का काम करता था। जानकार बताते हैं कि रात को अचानक उसके यहां से चीखनें और चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। जिसके बाद पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस पहुंची।
पुलिस जब जोसेफ के मकान के अंदर पहुंची तो वहां का मंजर भयावह था। किचन में बर्तन और दूसरा सामान टूटा हुआ पड़ा था। यहां का दृश्य यह समझने के लिए काफी है कि सबसे पहले विवाद यहीं से शुरू हुआ। पत्नी और सास ने खुद का बचाने के लिए खूब जद्दोजहद की, लेकिन खुद को बचा नहीं सकीं। पत्नी और सास को कुल्हाड़ी से काटने के बाद जोसेफ शांत हो गया। दोनों का शव एक कमरे में लाया और जमीन पर लिटा दिया। कमरे की फर्श पर खून ही खून था। वह खुद शव के पास पड़े बेड पर उपर बैठ गया और दोनों के शव को एक टक निहारता रहा। पत्नी और सास की हत्या के दौरान उसके हाथ में भी चोटें आई हैं।
दीवार फांदकर अंदर पहुंची पुलिस
पुलिस ने दरवाजा खुलवाने का काफी प्रयास किया। करीब आधे घंटे की मशक्कत करने के बाद भी जब जोसेफ ने गेट नहीं खोला तो पुलिस दीवार फांदकर अंदर पहुंची। एडीसीपी पूर्वी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कुल्हाड़ी को बरामद कर लिया गया। उसने पत्नी के गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की थी जबकि सास के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की है। प्रथम दृष्टया अवैध संबंध के शक में पति ने पत्नी और सास की धारदार हथियार से हत्या की है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाएं हैं। पड़ोसियों की सूचना पर हत्यारोपित पति को घटनास्थल से गिरफ्तार किया गया। स्वजन की तहरीर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जाएगी।
गांव जाने की बात कह दिल्ली चली गई थी कामिनी
पुलिस की पूछताछ में जोसेफ ने बताया कि बीते माह अक्टूबर में कामिनी बुलंदशहर स्थित गांव जाने की बात कहकर घर से निकली थी। इसके बाद वह वहां से दिल्ली चली गई और एक सप्ताह बाद घर वापस आयी। उसने जब पूछा तो दिल्ली जाने की बात से इनकार कर दिया, जबकि उसे विश्वास है कि किसी लड़के से मिलने वह दिल्ली गई थी। उसका पिछले दो साल से अफेयर चल रहा था। कई बार पूछने के बाद भी जब उसने कुछ नहीं बताया तो मोबाइल तोड़ दिया था। इसके बाद भी वह नहीं मानी और दूसरे मोबाइल से बातचीत शुरू कर दी। सास पुष्पा यह सब जानते हुए भी अनदेखी करती थी। विवाद होने पर वह बेटी का ही पक्ष लेती थी। इसे लेकर उससे भी नाराजगी थी।
रविवार को पत्नी को बाहर घुमाने ले जाने के लिए ई-रिक्शा बुलवाया था। सोचा था उसे बाहर घुमाऊंगा और समझाने का प्रयास करूंगा, लेकिन उसने जाने से ही इनकार कर दिया। जिसके बाद हत्या करने की योजना बना ली। पड़ोसियों से नहीं रखते थे ज्यादा संपर्क पड़ोस में रहने वाले संजीव गुप्ता ने बताया कि कामिनी की मां पुष्पा यहां करीब चार दशक से यहां रह रही थी। उनके पति मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में काम करते थे। जिसकी उन्हें पेंशन भी मिलती थी। पुष्पा की एक शादीशुदा बेटी है जो लखनऊ में रहती है। वह दोनों बेटियों के यहां आती जाती रहती थीं। इसाई होने के चलते उनका परिवार मुहल्ले में किसी से ज्यादा मतलब नहीं रखता था।