वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां महिला चौकी प्रभारी (रिपोर्टिंग पुलिस चौकी महिला थाना) अनोभा तिवारी 10 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में पकड़ी गई। दहेज उत्पीड़न का दंश झेल रही पिड़िता का आरोप पत्र दाखिल करने के लिए रुपये की मांग कर ही थी। पिड़िता ने 29 जुलाई को शिकायत पर थाना एंटी करप्शन की टीम ने सफल ऑपरेशन किया।
दहेज उत्पीड़न का दंश झेल रही बेटी के पिता ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन में 29 जुलाई को शिकायत की तो सक्रिय हुई थाना एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाकर सफल ऑपरेशन किया। एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर सहवीर सिंह ने थाना कैंट में शून्य क्राइम नंबर पर केस दर्ज कराने के बाद आरोपित दारोगा को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
देवरिया जिले के थाना भटनी अंतर्गत ग्राम शिवमकला निवासी अनोभा तिवारी वर्ष 2019 बैच (मृतक आश्रित कोटा दिवंगत कांस्टेबल सतीश की पत्नी) की दारोगा है। अनोभा के पास दहेज प्रताड़ना केस की जांच है, जिसे श्रेया शर्मा ने दर्ज कराया था।
लक्सा क्षेत्र के राजश्री अपार्टमेंट निवासी राजीव शर्मा बेटी श्रेया के केस में पैरवी के लिए दारोगा अनोभा से मिले तो वह दो माह तक उन्हें दौड़ाती रही। राजीव ने खुलकर बात की तो दारोगा ने केस में चार्जशीट लगाने को 10 हजार रुपये की मांग की। राजीव ने रुपये देने को हामी भर दी, लेकिन उससे पूर्व भ्रष्टाचार निवारण संगठन में शिकायत की। एंटी करप्शन की टीम के कहने पर राजीव ने दरोगा से बात की तो उसने 10 हजार रुपये लेकर लंका थाना परिसर स्थित महिला रिपोर्टिंग चौकी में बुला लिया।
एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर ने विशेष रसायन लगे 10 हजार रुपये राजीव को दिए और दारोगा के पास भेज दिया। खुद अपनी टीम संग सादे वेश में पीछे से निगरानी करने लगे। दिन में करीब 12 बजे राजीव ने दारोगा को रुपये दिए ही थे कि एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया और थाना कैंट ले आई। दारोगा खुद को चीखकर बेकसूर बताती रही, कहा मुझे जान बूझकर फंसाया गया है। लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि रिपोर्टिंग पुलिस चौकी हमारे थाना परिसर में जरूर है, लेकिन हमारा किसी पर नियंत्रण नहीं रहता है।