सोनभद्र। पुलिस कर्मियों की दबंगई व महिलाओं से मारपीट के मामले में कोर्ट ने 8 पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही के आदेश दिए हैं। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी आबिद शमीम की कोर्ट ने चार माह पूर्व रौंप घसिया बस्ती में हुई घटना में तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज सहित आठ पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
उन पर बस्ती में अनुसूचित महिलाओं की पिटाई करने, जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने, घर में घुसकर तोड़फोड़ कर सामान नष्ट करने के आरोप हैं। घसिया बस्ती निवासी मुनिया देवी की शिकायत पर कोर्ट ने रॉबर्ट्सगंज कोतवाल का केस दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।
मुनिया देवी ने अपने अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। उनका आरोप था कि 12 जुलाई की रात 2 बजे तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज एसआई कमल नयन दुबे और 7 की संख्या में पुलिसकर्मी अचानक घसिया आदिवासी बस्ती में घुस आए। अंदर सोते समय उसे घसीटते हुए बाहर लाकर लाठी से पीटने लगे।
शोर सुनकर बचाने आई कई अन्य महिलाओं की भी पिटाई की गई। घरों में घुसकर लाठी से पीटकर सामान भी तोड़ दिया गया। लड़की के शादी के लिए रखा 10 हजार रुपया भी आलमारी से पुलिस वाले निकालकर ले गए। जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया।
यह धमकी भी दी कि अगर कहीं शिकायत किया तो एनकाउंटर कर दिया जाएगा। सूचना देने के बाद भी रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 19 जुलाई को घायल महिलाओं ने अपना दवा इलाज कराया। अगले दिन डाक से एसपी सोनभद्र को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। कोई कार्रवाई न होने पर 26 जुलाई को न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए तत्कालीच चौकी इंचार्ज समेत आठ पुलिसकर्मियों पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।