लखनऊ। लखनऊ में रियल एस्टेट कारोबारी आदित्य मिश्रा ने सोमवार दोपहर अवैध पिस्टल से अपने जबड़े में गोली मार कर जान दे दी। सुसाइड नोट में आदित्य ने पत्नी और बच्चों से क्षमा मांगते हुए कहा कि मुझे माफ कर देना मैं जा रहा हूं। भाई के अलावा गुड्डू को संबोधित करते हुए लिखा कि मेरे पास और मेरा जो रुपया है वह सब मेरे परिवार को दे देना।
सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में रियल एस्टेट कारोबारी 55 वर्षीय आदित्य मिश्रा का शव आफिस के अंदर कुर्सी पर खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी तेज स्वरूप ने बताया कि सुसाइड नोट में आदित्य ने खुद को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा कि ड्रीम प्रोजेक्ट संस्कार नगर सिटी पूरा नहीं हो सका। उसकी एनओसी नहीं मिल पा रही थी। ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा न होने के कारण कुछ दिनों से परेशान चल रहे हैं। अपनी मर्जी से आत्महत्या की बात लिखी है। अंत में कहा कि है इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।
पुलिस ने पिस्टल को कब्जे में लिया
डीसीपी ने बताया कि घटना के अन्य बिंदुओं की तफ्तीश की जा रही है। आदित्य सुशांत गोल्फ सिटी थाने के आगे अटल चौक के पास अपने आफिस में अंदर बैठे थे। दोपहर करीब सवा एक बजे गोली की आवाज चलने पर कर्मचारी रोहित और अन्य लोग अंदर भागकर पहुंचे। कुर्सी पर खून से लथपथ हालत में आदित्य को पड़ा देखकर उन्हें उठाया। पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर अंजनी मिश्रा, एडीसीपी दक्षिणी शशांक सिंह पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने टेबल पर रखी पिस्टल कब्जे में ले ली।
इंस्पेक्टर ने बताया कि पिस्टल लाइसेंसी नहीं है। पिस्टल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। आदित्य के पास पिस्टल कैसे आई? कर्मचारी रोहित से पूछताछ की गई तो उसने भी जानकारी से इंकार किया। उसने सिर्फ इतना बताया कि पिस्टल नीचे फर्श पर पड़ी थी। उसने पिस्टल उठाकर ऊपर टेबल पर रखी है। आफिस के बाहर लगे सीसी कैमरे का डीवीआर पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। उसकी जांच की जा रही है। आदित्य जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी लड़ चुके थे। लुलु माल में हनुमान चालीसा पढ़ने के मामले में वह जेल भी जा चुके हैं। कई साल पहले भी जेल गए थे।
मेरे पास जो रुपया है मेरे बच्चों को दे देना
सुसाइड नोट में आदित्य ने परिवार के बारे में भी लिखा। उन्होंने पत्नी और बच्चों से क्षमा मांगते हुए कहा कि मुझे माफ कर देना, मैं जा रहा हूं। भाई राजेंद्र के अलावा गुड्डू को संबोधित करते हुए लिखा कि मेरे पास और मेरा जो रुपया है वह सब मेरे परिवार को दे देना। उससे मेरे बच्चों की परवरिश हो जाएगी।