पीलीभीत। पिता ने बैंक से कर्ज लिया मगर, चुका न सके। 19 वर्ष में 40 हजार का कर्ज 2.50 लाख रुपये हो गया, अधिकारी बार-बार दबाव बना रहे। इससे परेशान होकर किसान अजीत सिंह रविवार को किडनी बेचने निकल पड़ा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर कहा कि कोई किडनी खरीद लो, ताकि बैंक का कर्ज अदा कर सकूं। एक किडनी के बिना रह लूंगा मगर, अधिकारियों का दबाव बर्दाश्त करना अब संभव नहीं है। अस्पताल स्टाफ ने उन्हें समझाकर घर लौटा दिया मगर, बातचीत का वीडियो वायरल होने लगा।
इस संबंध में बैंक अधिकारियों का कहना है कि 2.50 लाख रुपये बकाया बना मगर, 60 हजार में समझौते का प्रस्ताव दिया जा चुका है। कर्जदार की ओर से एक भी किस्त नहीं चुकाई गई है, इसलिए टोका गया था। उत्तर प्रदेश में पीलीभीत जिले के अजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में पिता पृथ्वी सिंह ने पशुपालन के लिए भूमि विकास बैंक से कर्ज लिया था। कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई। डेढ़ बीघा भूमि पर माफिया ने कब्जा कर लिया। शेष तीन बीघा भूमि के सहारे दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं। इस बार खेत में गेहूं की पौध को बेसहारा पशु खा गए। आर्थिक तंगी परेशान कर रही, पेट भरने की कोई व्यवस्था होती नहीं दिख रही। इस बीच बैंक की टीम सप्ताह में दो बार चक्कर लगा रही है। दबाव बनाया जा रहा है कि कर्ज अदा करें। बोले, मेरे पास कोई अन्य व्यवस्था नहीं है, इसलिए किडनी बेचकर कर्ज चुकाना चाहता हूं। उन्होंने पूरनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ लोगों से कहा कि किसी को किडनी की जरूरत हो तो मुझे बता दें। अजीत ने किसी अधिकारी से इस संबंध में शिकायत नहीं की है।