अयोध्या। अपर सत्र न्यायाधीश पंचम प्रेमप्रकाश ने शहर के मनोज शुक्ल हत्याकांड में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे आशीष सिंह व उसके भाई लखनऊ में एरा विश्वविद्यालय से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विरेश सिंह समेत 11 लोगों को हत्या, साक्ष्य मिटाने, अपहरण व मारने-पीटने के आरोप में आजीवन कारावास के साथ साढ़े 12 साल जेल की सजा सुनाई है। सभी पर कुल दो लाख 26 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना किया गया है। जुर्माना की रकम से एक लाख 10 हजार रुपये मृतक की मां को क्षतिपूर्ति के तौर पर दिये जाएंगे। सभी अपराधों की सजाएं साथ-साथ चलने के कारण अधिकतम आजीवन कारावास की सजा ही भुगतनी होगी। एक अन्य के किशोरवय होने के कारण उसके मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड को भेज दी गई है। सभी के विरुद्ध गिरोहबंदी मामले की सुनवाई इसी न्यायालय में विचाराधीन है।
मनुज मेहरोत्रा को किया गया था दोषमुक्त
अभियुक्त मनुज मेहरोत्रा को साक्ष्य के अभाव में पहले ही दोषमुक्त किया जा चुका है। सजा पाने वाले अन्य अपराधियों में नगर के शाहजहांपुर निवासी शिवम सिंह उर्फ शिवम लाला, खुर्दाबाद निवासी श्याम कुमार यादव, महताब बाग निवासी धर्मेंद्र सिंह, विकास तिवारी उर्फ छोटे, चक्रतीर्थ निवासी सोनू सोनकर, बस्ती जिले के दुबौलिया निवासी राना सिंह, अमरेश पांडेय, श्रवण पांडेय उर्फ ननकऊ, विनीत कुमार पांडेय व अमन सिंह शामिल हैं।
अभियोजन पक्ष की ओर से वादी के अधिवक्ता सईद खान व सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सिंह ने अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की याचना की। न्यायालय ने इस घटना को विरलतम घटना नहीं माना और आजीवन कारावास की सजा को न्यायोचित माना। शहर के सिविल लाइन स्थित रेस्टोरेंट से 12 जून 2019 की रात करीब 11 बजे धारा रोड निवासी मनोज शुक्ल का दुस्साहसिक तरीके से अपहरण किया गया था।
विरेश सिंह अपने मित्र मनोज शुक्ल के साथ रेस्टोरेंट में भोजन करने के बाद हंगामा करने लगे। इसकी जानकारी विरेश के भाई आशीष सिंह को होने पर वह अपने कई साथियों के साथ रेस्टोरेंट में आया। रेस्टारेंट में ही मनोज को बेरहमी से पीटा गया। उसे चार पहिया वाहन पर जबरिया बिठाकर अपहृत कर लिया गया। यह घटना रेस्टोरेंट के सीसीटीवी में आ गई। दो दिन बाद मनोज का क्षतविक्षत शव गोंडा जिले में मसकनवां रेलवे स्टेशन के पास रेल लाइन पर मिला। पुलिस ने शव को अज्ञात मानते हुए पोस्टमार्टम कराने के बाद लावारिश के तौर पर अंतिम संस्कार करा दिया। शव की पहचान फोटो के माध्यम से की गई।