अयोध्या। आज पूरे देश में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन खासतौर पर भगवान राम की पूजा की जाती है, और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम माता कौशल्या की कोख से जन्मे थे। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का आयोजन किया जाता है, और इस साल यह पर्व 6 अप्रैल रविवार को मनाया जा रहा है।
पवित्र सरयू में स्नान के साथ अयोध्या में रामनवमी पर्व के उत्सव का आगाज हो गया। जय श्री राम का उद्घोष लगाते हुए श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। सुबह से ही देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु सरयू में आस्था की डुबकी लगाने के लिए विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगे हैं। घाटों पर भारी भीड़ है।
सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं का कारवां नागेश्वर नाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और राम मंदिर की ओर रवाना हो रहा है। सरयू के घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। राम मंदिर में दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया है। मंदिर परिसर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। राम मंदिर के साथ हनुमान गढ़ी में भी बड़ी संख्या में भक्त दिख रहे हैं।
12 बजे होगा सूर्य तिलक – रामलला के दरबार में रामजन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल रामनवमी के दिन, जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, ठीक उसी समय सूर्य तिलक भी होगा। तीन शुभ योग रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और सुकर्मा में रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर इस तरह से पड़ेंगी, जैसे भगवान राम को सूर्य का तिलक लग रहा हो। इस महत्वपूर्ण अवसर पर शनिवार को लगातार तीसरे दिन सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया।
शनिवार की दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणों ने रामलला के मस्तक को आलोकित किया और यह प्रक्रिया लगभग चार मिनट तक चली। रविवार को भी सूर्य तिलक की यही प्रक्रिया चार मिनट तक चलेगी। इसके लिए मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किए गए हैं। ताकि सूर्य की किरणें सटीक रूप से रामलला के ललाट पर पहुंच सकें।
सूर्य की रश्मियां लेंस के माध्यम से दूसरे तल के मिरर पर पहुंचेंगी और फिर इन किरणों का टीका 75 मिलीमीटर के आकार में रामलला के ललाट पर दैदीप्तिमान होगा। यह प्रक्रिया सूर्य की गति और दिशा पर निर्भर करेंगी। सूर्य तिलक के साथ-साथ रामलला का अभिषेक, श्रृंगार और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया जा जाएगा, ताकि देश-दुनिया के भक्त इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सकेंगे।