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टैटू के चक्कर में कई लोग हुए एचआईवी संक्रमित, काउंसलिंग के बाद चौंकाने वाली रिपोर्ट

वाराणसी। लापरवाही कभी-कभी कितनी गंभीर साबित होती है, यह देखना हो तो उन लोगों को देखिए जो टैटू गोदवाने के चक्कर में एचआइवी संक्रमित हो गए। आपको भले यह अचरज भरा लगता हो लेकिन यह सही है।

महादेव के शहर काशी में बड़ागांव निवासी युवक ने गांव में लगे मेले में हाथ पर टैटू गुदवाया था। कुछ माह बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उपचार के बाद भी आराम नहीं मिला तो चिकित्सकों ने उसकी जांच कराई। पता चला कि वह भी एचआइवी पाजिटिव है तो उसको इसका यकीन ही नहीं हुआ कि रिपोर्ट सही है।

भेलूपुर क्षेत्र निवासी पति-पत्नी दोनों में एड्स के लक्षण दिखे। आशंका पर उन्होंने मंडलीय चिकित्सालय के संपूर्ण सुरक्षा केंद्र (एसएसके) में अपनी जांच कराई। रिपोर्ट पाजिटिव आई। काउंसलिंग में पता चला कि दंपती शरीर पर टैटू गुदवाने से एड्स की चपेट में आए।
डाक्टर साहब, मेरी तो शादी भी नहीं हुई है

युवक ने चिकित्सक से कहा कि अभी उसकी शादी नहीं हुई है, न ही किसी से शारीरिक संबंध है। इतना ही नहीं कभी किसी कारण उसे खून भी नहीं चढ़ाया गया। ऐसे में वह एचआइवी पाजिटिव कैसे हो सकता है। चिकित्सकों ने समझाया कि यह सब टैटू बनवाने से हुआ है।

नगवां की रहने वाली युवती के साथ भी कुछ ऐसा ही वाक्या हुआ है। फेरी वाले से उसने टैटू बनवाया था। कुछ दिनों बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। जांच में एचआइवी पाजिटिव होने का पता चला।

काउंसलिंग के बाद सामने आई सच्चाई मंडलीय चिकित्सालय स्थित एसएसके केंद्र के प्रभारी डा. मुकंद लाल श्रीवास्तव ने बताया कि टैटू बनवाने में प्रयोग हुए संक्रमित सुई के कारण अप्रैल 2023 से अब तक एचआइवी पाजिटिव होने के कुल 54 केस सामने आ चुके हैं।

इन सभी मामलों में असुरक्षित यौन संबंध या संक्रमित रक्त एचआइवी पाजिटिव होने का कारण नहीं था। जब काउंसलिंग हुई तो पता चला कि टैटू बनवाने के बाद ही ये लोग एचआइवी पीड़ित हुए हैं। उन्होंने बताया कि टैटू जिस सुई से बनाई जाती है वह काफी महंगी होती है। स्वास्थ्य के लिहाज से एक टैटू बनाने के बाद सुई नष्ट कर देनी चाहिए।