मेरठ। साइबर ठगों ने इस बार सीडीए के रिटायर्ड अफसर को निशाना बनाया है। उन्हें पांच दिनों तक उनके घर पर ही डिजिटल अरेस्ट कर खाते से 15 लाख की रकम ट्रांसफर करा लिए। एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। ट्रांसफर की गई रकम को फ्रीज कराने के लिए बैंकों में मेल भेज दी गई है।
पूर्व बैंक अधिकारी सूरज प्रकाश को डिजिटल अरेस्ट कर 1.74 करोड़ रुपये ठगी के बाद साइबर ठगों ने इस बार सीडीए के रिटायर्ड अफसर को निशाना बनाया है। अफसर को पांच दिनों तक उनके घर पर ही डिजिटल अरेस्ट किया गया। पत्नी घर पर मौजूद होने के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया। पुलिस की वर्दी पहने साइबर ठगों ने पांच दिन बाद अफसर के खाते से 15 लाख की रकम ट्रांसफर करा लिए। तब अफसर ने पूरे मामले को परिवार से अवगत कराया। रिटायर्ड अफसर को बताया कि मानव अंगों की तस्करी में उनका नाम सामने आ रहा है। उनके बेटे ने साइबर थाने में शिकायत की है।
मेरठ निवासी 78 वर्षीय बुजुर्ग सीडीए से रिटायर्ड हैं। आठ नवंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को साइबर क्राइम अफसर दीपक यादव बताया। वीडियो कॉल पर दीपक यादव ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। उसने रिटायर्ड अफसर से कहा कि उनका गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। मानव अंगों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने 17 बच्चों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है। उनके अंग अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की रकम में बेचे गए हैं। बच्चों के स्वजन को शव सौंपने के लिए भी 68 लाख की फिरौती वसूली गई है। यह रकम आपके एचडीएफसी बैंक खाते में जमा कराई गई। इतना सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए। इसी का फायदा उठाकर साइबर अपराधियों ने उनसे निजी जानकारी ले ली।
इसके बाद आठ नवंबर को उन्हें वीडियो काल पर लेकर घर के अंदर ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया। वीडियो में पीछे पूरा बैकग्राउंड घर से बाहर जाने और किसी से मिलने पर बड़ी मुसीबत में फंसने का डर दिखाया गया। लगातार वीडियो कॉल कर उन्हें अपनी निगरानी में रखा गया। उन्हें उनका आधार कार्ड और अन्य कागजात भी वीडियो कॉल पर दिखाए गए। बुजुर्ग ने डर की वजह से परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं दी।