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कोठी के अंदर नकली देसी घी बनाने की फैक्ट्री, एसटीएफ की रेड, आगरा से दिल्ली तक सप्लाई

आगरा। आगरा शहर के पाश इलाके में कोठी के अंदर नकली देसी घी बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। मंगलवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने फैक्ट्री पर छापा मारकर दो हजार लीटर घी और बनाने व पैकिंग का सामान बरामद किया है। नकली घी की आगरा से दिल्ली तक सप्लाई हो रही थी। ग्राहकों को लुभावने उपहार के ऑफर भी दिए जा रहे थे। मकान से भारी मात्रा में नकली घी बरामद किया गया है। यहां विभिन्न ब्रांड का नकली घी बनाया जा रहा था। इसे दीपावली पर मिठाई की दुकानों पर बेचने की तैयारी चल रही थी।

एसटीएफ ने संचालक और मौके पर नकली घी बनाने का काम कर रहे तीन कारीगरों को हिरासत में ले लिया है। आरोपित अवनीश गर्ग के पास से काफी मात्रा में एक्सपायरी चाकलेट और डुप्लीकेट सिगरेट भी बरामद हुई हैं। अनुमान है कि नकली घी के साथ ही सिगरेट और चाकलेट भी बनाई जा रही थीं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने बरामद माल के सैंपल लिए हैं। थाना हरीपर्वत पुलिस मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

सीओ एसटीएफ उदय प्रताप ने बताया कि रिंग रोड पर कोठी संख्या 22/2 सी में नकली देसी घी बनाने की जानकारी पर छापा मारा गया। कोठी के पिछले हिस्से में नकली देसी घी बनाते हुए संचालक अवनीश गर्ग, टेढ़ी बगिया के रहने वाले फरदीन और मथुरा के राया निवासी इब्बो को पकड़ा है। आरोपित जेमिनी नामक ब्रांड का वनस्पति और निम्न कोटी के रिफांइड को मिलाकर उसमें देसी घी की खुशबू का एसेंस और रंग मिलाकर डेयरी मिल्क नाम से नकली देसी घी के पैकेट तैयार कर रहे थे।

आगरा और दिल्ली में इसकी बिक्री की जाती थी। कोठी में ही तराजू, पैकिंग और बार कोड की मशीन लगाई हुई थी। तैयार माल रखने के लिए बेलनगंज में गोदाम बना रखा था। वहां से भारी मात्रा में खाली वनस्पति और रिफाइंड के टिन, नए खाली पैकेट मिले हैं। कोठी में गोल्डन गोल्ड स्टार नाम की एक्सपायरी सिगरेट के तीन कार्टून और काफी मात्रा में एक्सपायरी चाकलेट भी बरामद हुई है, उसकी भी पड़ताल की जा रही है।

पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि वो गुजरात से देसी घी की खुशबू का ए 2 नाम का एसेंस और रंग कोरियर से मंगाता था। स्थानीय स्तर पर बिक्री बढ़ाने के लिए खरीद के हिसाब से लुभावने उपहार स्कीम के नाम पर देता था। 17 सौ रुपये का वनस्पति और रिफाइंड मिलाकर तीस किलो नकली घी तैयार हो जाता था, जो बाजार में तीन सौ रुपये किलो के भाव में बेचा जाता था। एसटीएफ एसेंस और अन्य सामान की बिक्री करने वालों पर भी शिकंजा कसने जा रही है। कोठी में आरोपित अवनीश गर्ग के साथ उसके पिता धर्मेंद्र गर्ग उर्फ बाबी, भाई, माता और अन्य भी रहते थे। उसके पास जीएसटी समेत कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं था। ऐसे में स्वजन की संलिप्त्ता की भी पुलिस जांच कर रही है।