कानपुर। एक जनवरी से शहरवासियों को बेंगलुरु की उड़ान की सुविधा नहीं मिलेगी। परिचालन में दिक्कत की वजह बताते हुए टिकट बुकिंग बंद कर दी गई है। चार व छह जनवरी को फ्लाइट जाएगी, इसके बाद मार्च तक इस उड़ान की सुविधा नहीं मिलेगी। दावा किया जा रहा है कि मार्च के बाद फिर से ये उड़ान चालू हो जाएगी।
अब शहरवासियों को सिर्फ दिल्ली और मुंबई की ही उड़ानें मिल सकेंगी। लगातार अन्य शहरों के लिए उड़ान की मांग की जाती रही है। चकेरी एयरपोर्ट पर 150 करोड़ रुपये से बनाया गया नया टर्मिनल सात जून को चालू हुआ था। यहां से इंडिगो के विमानों से दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के लिए उड़ान की सुविधा मिल रही है। अन्य शहरों के लिए भी उड़ान बढ़ाने की मांग की जा रही है। इस बीच बेंगलुरु की उड़ान बंद होने जा रही है। अब शहरवासियों को सिर्फ दिल्ली और मुंबई की ही उड़ानें मिल सकेंगी। जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि इस बारे में उन्होंने एयरपोर्ट निदेशक से बात की है। उन्होंने अभी तक इसकी कोई भी लिखित जानकारी न होने की बात कही है। एक जनवरी से टिकट बुकिंग बंद होने की बात स्वीकारी है।
शहरवासियों ने विमानन कंपनियों का उतार-चढ़ा देखा है। बताया जाता है कि 1970 के आसपास कानपुर से विमान सेवाएं शुरू हुई थीं, जो समय के साथ बदलती रहीं। शहर की जमीन पर अर्चना एयरवेज, डेक्कन एयरवेज, एयर इंडिया, स्पाइस जेट, इंडिगो के विमान उतरते रहे हैं। बीच-बीच में कई कंपनियां अपनी सेवाएं बंद करती रहीं। 1996 में शहर में अर्चना एयरवेज की उड़ान कानपुर-दिल्ली के बीच थी। मई 1996 में रनवे पार काफी आगे उतरने के कारण विमान दीवार से टकरा गया था। इस घटना के बाद कानपुर एयरवेज की उड़ान बंद हो गई थी। इसके बाद डेक्कन ने 48 सीटर विमान के साथ अपनी उड़ान शुरू की थी लेकिन कुछ समय बाद ये भी बंद हो गई। 2007 में एयर इंडिया की उड़ान प्रयागराज और कोलकाता तक चली जो ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी।