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ये है लगभग 100 साल पुरानी कार, इंग्लैंड से मंगवाने पड़ते हैं पार्ट्स, हर महीने होती है मरम्मत

लखनऊ। 100 वर्ष पुरानी विटेंज कार आस्टिन ए 30 पैकर्ड 1923 के मालिक पूर्व सीआरपीएफ डीजी डा. एपी महेश्वरी ने बताया कि रोजाना चार से पांच किमी. कार चलाते हैं। हर महीने ढाई से तीन हजार रुपये मरम्मत में खर्च होता है। यही नहीं कभी-कभी इंग्लैंड से कार के पार्ट्स मंगवाने पड़ते हैं तब ज्यादा खर्च आ जाता है। हालांकि सड़क पर निकालते ही लोग कार की जानकारी जुटाते हैं। फिर उसके साथ फोटो क्लिक करवाकर ही जाते हैं, तो उसके आगे खर्च ज्यादा नहीं लगता है।

सर्दियों की धूप और विंटेज कारों की रैली ने सभी का रविवार खूबसूरत बना दिया। खासकर तब जब रैली में वर्ष 1923 की कार शामिल हुई हो। इस कार के साथ सभी ने तस्वीरें खिंचवाई। मौका था द मानसिंह गोयल ग्रुप के चेयरमैन सर्वेश गोयल की तरफ से द अवध हेरिटेज कार क्लब के सहयोग से आयोजित विंटेज कार रैली का।

चेयरमैन सर्वेश गोयल ने बताया कि रैली की शुरुआत बंदरियाबाग रेलवे क्लब से हुई, जहां सुबह पुरानी कारें एकत्रित हुईं। उसके बाद रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह रैली कैंट समेत अन्य मुख्य मार्ग से होते हुए टेरारियम – द सेंट्रम पर समाप्त हुई। यहां सभी प्रतिभागियों ने संगीत और एक शानदार लंच का आनंद लिया।

सर्वेश ने बताया कि रैली में प्रदर्शित विंटेज कारों में आस्टिन ए 30 पैकर्ड 1923, मारिस-1932, पोंटियाक पेरिसिएन-1965, विलीज जीप, मर्सिडीज और जगुआर शामिल थीं। इस मौके पर वाहनों के मालिक विदित नारायण, केशव माथुर, नितिन कोहली, कनक चौहान, सुरजीत उप्पल, दीप नारायण समेत अन्य लोग शामिल थे।

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