लखनऊ। शक्ति नगर कॉलोनी की उस्मानी ढाल पर स्थित बिल्डिंग में चल रहे सोफा, गद्दा और फर्नीचर गोदाम में शुक्रवार देर शाम आग लग गई। लपटें व धुएं के बीच 20 कारीगर फंस गए। चीख-पुकार मचने पर इलाके के लोग एकत्रित हुए। उन्होंने खिडक़ी तोडक़र किसी तरह बाहर निकाला। इतने में बिल्डिंग में रखे तीन सिलेंडर में विस्फोट होने लगा।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) मंगेश कुमार ने बताया कि आसपास के घरों को खाली करवा दिया। दमकल की नौ गाडिय़ों ने ढाई घंटे में आग पर काबू पाया। सीएफओ ने बताया कि बिल्डिंग मालिक राजाबाजार निवासी प्रद्युम्न है। जिसमें बेसमेंट भी शामिल है। इसमें अशरफ का गद्दे, रफीउल्ला का सोफे और रशीद का फर्नीचर का कारखाना है। तीनों कारखानों के अलावा बिल्डिंग परिसर में तीन दिहाड़ी मजदूरों परिवार के साथ रहते हैं। शाम करीब साढ़े छह बजे सोफे के गोदाम में आग लगी थी। कारखाने में बड़ी मात्रा में फर्नीचर, स्पंज और लकड़ी रखी होने के कारण आग तेजी से फैलने लगी। पल भर में पूरी बिल्डिंग को जद में ले लिया। बिल्डिंग में मौजूद 20 कारीगर फंस गए। चीख-पुकार मचाने लगे। मुहल्ले के लोग एकत्रित हुए डंडे से खिड़क़ी तोड़ी और उन्हें किसी तरह बाहर निकाला। इसके बाद बिल्डिंग में रखे सिलेंडर फंटने लगे। तीन विस्फोट होने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पड़ोस के मकानों को खाली करवाया गया। बीए सेट पहनाकर दमकल कर्मियों को अंदर भेजा गया। इसके बाद चारों तरफ से टीम को लगाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। ढाई घंटे में नौ गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पा लिया।
सीएफओ ने बताया कि बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नहीं थी। बिल्डिंग मालिक को नोटिस भेजी जाएगी। स्थानीय निवासी राहुल सिंह ने बताया कि बिल्डिंग में अवैध तरीके से तीनों कारखाने चल रहे थे। इसमें पहले भी कई बार छुट-पुट आग लग चुकी है। इसको लेकर कईबार बिल्डिंग मालिक एलडीए, नगर निगम और पुलिस से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते ध्यान दिया जाता तो इतनी बड़ी आग नहीं लगती। बिल्डिंग में बहराइच निवासी अली हुसैन, पत्नी नूरबानो और बच्चे सोफिया बच्चों के साथ रहते है। जब आग लगी थी, तो अंदर ही थे। उन्होंने बताया कि आग सबसे पहले गेट की तरफ के हिस्से में लगी थी। कारखाने तक पहुंचे पता नहीं चली। ऐसे में परिवार को खिड़क़ी और दीवार से फंदा कर बाहर निकाला था। वहीं, बाकी मजदूर पीछे नाले की तरफ से खिड़क़ी तोड़कर बाहर निकले थे।