बिहार का रहने वाला लोकेश गुप्ता परतापुर के रिठानी में पिछले काफी दिनों से डॉक्टर का क्लीनिक चला रहा है। वह कॉलोनियों के सभी मरीजों को देखता है। लोकेश गुप्ता ने किसी अस्पताल में कम्पाउंडर का कोर्स किया हुआ है। परतापुर पुलिस ने शुक्रवार की शाम को लोकेश गुप्ता और उसके एक साथी को पकड़ लिया। उसका साथी भी बिहार का रहने वाला है, जो उद्योगपुरम स्थित किसी निजी कंपनी में काम करता है। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों ही परतापुर के बाजार में नकली नोटों को चला रहे थे। बताया जाता है कि परतापुर के गगोल रोड पर एक दुकानदार को नकली नोट होने का शक हो गया। उसने यूपी-112 पर कॉल कर मामले की सूचना दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को पकड़कर थाने ले गई। उनके कब्जे से 10 हजार की नकली करंसी बरामद की गई। पूछताछ में लोकेश गुप्ता ने बताया कि घाट के रहने वाले दीपेंद्र त्यागी ने उन्हें नकली नोटों की रकम चलाने के लिए दी थी। पुलिस ने दीपेंद्र के घर पर दबिश दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसे लोकेश गुप्ता और उसके साथी की गिरफ्तारी का पता चल गया था। लिहाजा दीपेंद्र घर से फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस को अभी तक जानकारी मिली है कि बिजनौर का रहने वाला कोई युवक उन्हें नकली नोट मुहैया करा रहा है। उक्त नोटों को कनेक्शन बिहार से जुड़ा हुआ है।
असली के बदले में दोगुने नकली नोट देता है दीपेंद्र त्यागी- पुलिस पूछताछ में लोकेश गुप्ता ने बताया कि दीपेंद्र त्यागी उन्हें असली के बदले में दोगुने नकली नोट देता है, जिन्हें वह रात के अंधेरे में बाजार में चलाते है। छह माह से बाजार में नकली नोटों को चलाने का धंधा कर रहे हैं। लोकेश गुप्ता ने बताया कि बिहार के रहने वाले काफी लोग इस धंधे को कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस लोकेश गुप्ता के अन्य साथियों और नकली नोटों को मुहैया कराने वाले आरोपियों की तलाश कर रही है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि परतापुर के बाजार में नकली नोट चलाते दो आरोपियों को पकड़ा है। उनके कब्जे से दस हजार के नकली नोट बरामद किए गए हैं। उनके अन्य साथियों की धरपकड़ को टीमें लगा दी गई है।